Most Violent Movies of Bollywood: जब बॉलीवुड में कमर्शियल फिल्मों की बात आती है तो एक्शन, कॉमेडी, रोमांच और एक्शन जैसे सुपर हिट फॉर्मूले वाली मूवीज हैं। लेकिन कुछ फिल्में ऐसी भी होती हैं जो आपको एक unpleasant journey पर ले जाती हैं और आपके रोंगटे खड़े कर देती हैं।
इन फिल्मों को extreme violence दिखाने के लिए जाना जाता है जो क्रूर हत्या, शारीरिक हिंसा, यौन शोषण और कई अन्य चीजों से फिचर होती हैं। बॉलीवुड की ऐसी हिंसक फिल्मों की लिस्ट नीचे दी गई है:
Most Violent Movies of Bollywood of All Time: जानिए कौन सी है वो खतरनाक फ़िल्म
Anjaam (1994)
‘राहुल रावल’ के निर्देशन में बनी अंजाम, साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है। शाहरुख़ खान,माधुरी दीक्षित, दीपक तिजोरी फिल्म की स्टारकास्ट है।
शाहरुख़ खान को इस फिल्म के लिए दूसरी बार ‘बेस्ट विल्लन (सर्वश्रेष्ठ खलनायक) का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। हालांकि ये फिल्म में बॉक्स-ऑफिस पर सफल नहीं हुई थी।
बैंडिट क्वीन (साल: 1994):
शेखर कपूर ने बैंडिट क्वीन का निर्देशन किया था जो बॉलीवुड की अब तक की सबसे हिंसक फिल्मों में से एक है। बैंडिट क्वीन फूलन देवी के जीवन पर आधारित है और वर्ष 1994 में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म महान महिला योद्धा फूलन देवी और उनके जीवन के सफर की सच्ची कहानी दर्शाती है।
इस फिल्म में शीर्षक किरदार सीमा बिस्वास ने निभाया था और सामूहिक बलात्कार, अत्यधिक हिंसा और असभ्य भाषा के चित्रण के कारण फिल्म को काफी विवाद और सेंसरशिप का सामना करना पड़ा था।
सत्या (साल: 1998)
हिंसक फिल्म सत्या का निर्देशन रामगोपाल वर्मा ने साल 1998 में किया था। फिल्म में जे. डी. चक्रवर्ती, मनोज बाजपेयी, उर्मिला मातोंडकर और शेफाली शाह हैं। यह फिल्म मुंबई के अंडरवर्ल्ड के अंधेरे जीवन पर आधारित है, जहां हिंसा एक पैकेज के रूप में होती है। जेडी चक्रवर्ती द्वारा अभिनीत सत्या एक इमिग्रेट है जो अपने फ्यूचर की तलाश में मुंबई आता है लेकिन मुंबई के अंडरवर्ल्ड में फंस जाता है।
संघर्ष (साल: 1999)
फिल्म संघर्ष तनुजा चंद्रा द्वारा निर्देशित है जो ‘द साइलेंस ऑफ द लैम्ब्स’ पर आधारित है। वर्ष 1991 में अकादमी अवॉर्ड विनिंग फिल्म संघर्ष में अक्षय कुमार, प्रीति जिंटा और आशुतोष राणा मुख्य भूमिका में थे। ये मूवी भी सर्वकालिक हिंसक फिल्म है। आशुतोष राणा द्वारा अभिनीत लज्जा शंकर पांडे एक पागल व्यक्ति है जो अमरता प्राप्त करने के लिए बच्चों की बलि देने में दृढ़ता से विश्वास करता है।
मातृभूमि (साल: 2003)
ट्यूलिप जोशी की मुख्य भूमिका वाली मातृभूमि अब तक की सबसे हिंसक फिल्मों में से एक है। मनीष झा निर्देशित मातृभूमि कन्या भ्रूण हत्या (Female infanticide) के लिंग संतुलन पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ-साथ समाज के भयावह रवैये को भी दर्शाती है।
कहानी महिलाओं के बिना एक देश के बारे में बताती है, जहां कल्कि (ट्यूलिप जोशी) ने पांच पुरुषों से शादी की और उसके ससुर ने उसका यौन शोषण किया और फिर वह गांव के अन्य पुरुषों का शिकार बन गई।
ज़िंदा (साल: 2006)
हालांकि संजय गुप्ता की जिंदा बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो पाई लेकिन फिर भी यह फिल्म बॉलीवुड की हिंसक फिल्मों में से एक है। फिल्म में संजय दत्त और जॉन अब्राहम मुख्य भूमिका में हैं, जहां संजय दत्त द्वारा अभिनीत बाला को पकड़ लिया जाता है और 14 साल तक एक कोठरी में जिंदा रखा जाता है।
इसके अलावा, पिटाई, बदला और वायलेंस ही फिल्म जिंदा का में ज्यादातर मौजूद है। फिल्म जिंदा साउथ कोरिया की ‘ओल्डबॉय’ का रीमेक है।
NH10 (2015)
“NH10” देखने के बाद आप कुछ दिनों तक अनुष्का शर्मा के परफॉर्मेंस के बारे में सोचते रहेंगे। कहानी एक ऐसे कपल के बारे में है जो दिल्ली से बाहर ट्रावेल करते वक्त डरावनी और हिंसक घटनाओं का अनुभव करते है।
इस एक्शन थ्रिलर में भारत में हर जगह स्थानीय ठगों द्वारा की जाने वाली हिंसा और हत्याओं को बताया गया है। अनुष्का ने फिल्म में एक हिम्मती और बहादुर लड़की का किरदार निभाया हैं और समाज को ये मेसेज देती हैं की औरत की मजबूरी को उनकी कमजोरी बिल्कुल ना समझें।
गजनी (साल: 2008)
आमिर खान, असिन, जिया खान और प्रदीप रावत की मुख्य भूमिका वाली फिल्म गजनी भी बॉलीवुड की सबसे हिंसक फिल्मों की सूची में शामिल है। पूरी फिल्म में असिन की हत्या और प्रदीप रावत के क्रूर इरादे फिल्म में हिंसा की तस्वीर दर्शाते हैं। यह ब्लॉकबस्टर फिल्म क्रिस्टोफर नोलन की हॉलीवुड फिल्म मेमेंटो से प्रभावित थी।
रक्त चरित्र (साल: 2010)
रक्त चरित्र भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे हिंसक फिल्मों में से एक है। राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित विवेक ओबेरॉय और दक्षिणी स्टार सूर्या अभिनीत यह फिल्म आंध्र के नेता परिताला रवींद्र की हत्या की कहानी बताती है।
यह फिल्म 90 के दशक में आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले पर आधारित है और इस फिल्म में हत्या के क्रूर तरीके इसे अब तक की सबसे हिंसक फिल्मों में से एक बनाते हैं।
Talvar (2015)
‘तलवार’: इतिहास की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री की खौफनाक दास्तां बयां करती हैं। फिल्म की कहानी नोएडा के सेक्टर 20 से शुरू होती है। रमेश टंडन (नीरज कबी) और नूतन टंडन (कोंकणा सेन शर्मा) की बेटी श्रुति टंडन (आएशा परवीर) और घर के नौकर खेमपाल का मर्डर एक ही रात में होता है जिसकी जांच सीडीआई ऑफिसर अश्विन कुमार (इरफान खान) के हाथ लगती है।
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Animal (2023)
फिल्म की कहानी बलवीर सिंह और रणविजय सिंह से शुरू होती है, रणविजय जिसे बचपन में अपने पिता से वह प्यार न मिला जिसका वह हकदार होता है। वो अपने पहले कदम क्राइम की दुनिया में रखता है और बलवीर सिंह पर जान लेवा हुम्ला होते ही रणविजय जंग का ऐलान कर देता है।
जंग में अबरार (बॉबी देओल) को मार डालता है, लेकिन अबरार का चैप्टर खत्म नहीं हुआ है, अबरार प्लास्टिक सर्जरी के बाद रणविजय का रूप लेता है। ऐसे ही यह फिल्म अपनी सीक्वल की तरफ इशारा करती है।
‘एनिमल’ के दूसरे पार्ट का नाम ‘एनिमल पार्क’ होने वाला है, जिसे लेकर संदीप रेड्डी ने कहा था कि वो इस दूसरे पार्ट को और भी ज्यादा dreaded बनाने वाले हैं। संदीप रेड्डी वांगा ने ‘एनिमल’ के तीसरे पार्ट पर भी अपनी राय रखी है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने फिल्म के दूसरे पार्ट का नाम एनिमल पार्क होगा क्योंकि वहां पर कुछ जानवर भी होंगे जो कि रणबीर की तरह ही होंगे। इन सभी के बीच लड़ाई होगी।
सालार (2023)
सालार दो दोस्तों देवा और वर्धा के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनकी भूमिका प्रभास और पृथ्वीराज सुकुमारन ने निभाई है, जो अंत में एक दूसरे के कंपीटीटर्स बन जाते हैं। एक्शन से भरपूर यह फ़िल्म इसी महीने के 22 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। प्रभास की सालार फ़िल्म बॉलीवुड का किंग खान शाहरुख खान की आने वाली फ़िल्म डंकी से भिड़ने वाली है।
सुमरा समीना भारत की एक लेखिका हैं। वह ब्लॉगिंग और सामग्री निर्माण के चौराहे पर काम करना पसंद करती है। उनकी रुचि और विशेषज्ञता के क्षेत्रों में मनोरंजन, स्वास्थ्य और टेक्नोलॉजी आदि शामिल हैं। उन्हें पढ़ना, लिखना और कोडिंग पसंद है। वर्तमान में, वह सीखने पर काम कर रही है।